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mujhe likhane ka padhne ka aur game khelne ka dekhne ka shauk hai iske alava TV dekhna movie dekhna नए-नए dish khane ka bhi shauk hai mujhe kuchh bhi naya sikhana achcha lagta hai

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STORY BY Rajesh Rajesh

विभिन्न कहानियां

विभिन्न कहानियां

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मंसूरी बस अड्डे से चंपा बस अड्डे तक मुकेश नाम का ड्राइवर सुबह से रात तक यात्रियों को अपने अपने ठिकाने पर छोड़ता था मुकेश वैसे तो बहुत मेहनती था पर उसका स्वभाव अच्छा नहीं था इस दुनिया में उसका कोई भी नहीं था उसकी एक मिनी बस थी वह उसी में रहता था उसके पहनने के कपड़े सोने के कपड़े खाने का सामान सब मिनी बस में ही रहता था अपनी मिनी बस से उसे बहुत प्रेम था पर उसकी सबसे बड़ी कमी थी चाय पीने की लत चाय पीने की लत की वजह से कई बार उसका यात्रियों से झगड़ा भी हो चुका था इसी लत के कारण उसकी एक दिन जान चली जाती है और मुकेश एक भयानक भूत बन जाता है मंसूरी से चंपा तक के रास्ते और जंगल गांव में उसकी दहशत फैल जाती है उसकी दहशत को खत्म करने के लिए जंगल के कुछ बुजुर्ग और समझदार जानवर फैसला लेते हैंऔर मुकेश के भूत के आतंक को खत्म करने में सफल होते हैं या नहीं ध्रुव इन कहानियों में दूसरी कहानी दाई मां की है दाई मां का नाम देवकी थापर उनके गांव और आसपास के गांव के लोग उन्हें दाई मां कहकर ही पुकारते थे दाई मां के पति का स्वर्गवास हो गया था एक लंबी बीमारी की वजह से उस बीमारी के इलाज में देवकी की खेती की जमीन भी बिक गई थी और घर लाला के पास गिरवी रखना पड़ा था फिर भी देवकी के पति के प्राण नहीं बचे थे इस दुनिया में दाई मां का एक भाई थाउसका नाम विपिन था विपिन अपनीपत्नी का गुलाम थाउसकी पत्नी दाई मां से नफरत करती थी इसी वजह से उसने विपिन के गांव की खेती की जमीनऔर घर को बेच दिया था उस पैसे से विपिन को शहर ले गई थी व्यापार करने के लिए दाई मां की रोजी-रोटी का एक ही सहारा था दाई का काम दाई मां ने तो बकरी भी पाल रखी थी जब वह व्यायाम करके आती थी तो बकरी का दूध पी लेती थी और जो दूध उसका बचता गांव के बच्चों में बांट देती थीदायमा एक दिन दूसरे गांव जाती है दाई का काम करने के लिए उस महिला के एक सुंदर लड़की पैदा होती है वह दाई मां को अपने घर में एक रात के लिए रोक लेते हैं दावत करने के लिए उस रात एक कुत्तियाकुछ बच्चों को जन्म देती हैउसमें से एक बच्चा दाई मां को पसंद आ जाता है उसे अपने घर ले आती है और बड़े प्यार से मनुष्य की बच्चों की तरह उसका पालन पोषण करते हैं वह बड़ा होकर एक बहुत सुंदर कुत्ता बन जाता है उसका नाम भीम रखती है दायमा और भी एक दिन शहर जाते हैं शहर में कुछ आतंकवादियों ने एक बस को अपने कब्जे में कर रखा था भेजो बस पर हमला करके यात्रियों को छुड़ा लेता है उसकी इस बहादुरी की वजह से उसे पुलिस में सरकारी नौकरी मिल जाती है भीम कुत्ता था पर उसने इंसानों जैसी समझथी उसे जब तनख्वाह मिलती थी तो वह दाई मां को तनखा दिलवा तथा उसकी तनख्वाह से दाई मां अपना और भीम का जीवन सुधार लेती है दोनों की जिंदगी सुख शांति से कटने लगती हैविभिन्न कहानियों में और भी रोचक कहानियां है इसमें इंसानों जानवरों और पक्षियों का तालमेल दिखाया गया है इनका रहन-सहन व्यवहार और स्वभाव एक दूसरों पर क्या प्रभाव डालता है जानवरों और पक्षियों के स्वभाव और रहन-सहन का मनुष्य की जीवन और समाज पर क्या असर डालता है मनोरंजन मस्ती आनंद के साथ कुछ ज्ञानवर्धक शिक्षाएं भी हैं इन कहानियों में

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